कलश यात्रा:चार शहर के कलाकारों ने मार्ग में बनाई विविध वर्णी रंगोली

अखिल भारतीय कालिदास समारोह को लेकर गुरुवार सुबह कलश यात्रा निकालकर पूरे शहर को समारोह का आमंत्रण दिया गया। शिप्रा तट स्थित रामघाट पर मां शिप्रा एवं कलश का पूजन किया गया। वैदिक मंत्रों के साथ कलश यात्रा का पूजन कर यात्रा की शुरुआत हुई। पं. सूर्यनारायण व्यास के निवास पर पंडितजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया गया।

संस्कार भारती के धार, इंदौर, देवास, उज्जैन के कलाकारों ने कलश यात्रा के मार्ग और अकादमी परिसर में विविध वर्णी रंगोली बनाई। कलश यात्रा में भावनगर (गुजरात) और झाबुआ के लोक कलाकारों का दल पारंपरिक लोक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए शामिल हुआ।

इनके अलावा कलश यात्रा में महाकाल का ध्वज, बग्घी में मंगल कलश, विक्रमोर्वशीयम् पर केंद्रित झांकियां, सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्नों के चित्र शामिल थे। मार्ग में कई जगह पुष्पवर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया गया। विभिन्न मार्गों से होते हुए कलश यात्रा कालिदास अकादमी परिसर पर जाकर समाप्त हुई।

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